कल गंगा सप्तमी के दिन ऋषिकेश में अच्छी खासी
हलचल रही कुछ कार्यक्रमों में लोगो का ध्यान लगा रहा,
गंगा स्नान में दान पुण्य के कामों
के अलावा सांयकाल मां गंगा की भव्य
आरती त्रिवेणी घाट में आकर्षण का केन्द्र रही।
दूसरी तरफ परमार्थ निकेतन में चल रहे" गंगा सांस्कृतिक महोत्सव 2011" में परिधि आर्ट ग्रुप द्वारा आयोजित नृत्य नाटिका "गंगा अवतरण" की प्रस्तुति ने उपस्थित लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया । साथ ही लेजर लाइटों का प्रयोग वाटरफाल पर नृत्य नाटिका में इस तरह से हुआ कि लोगो को गंगा के स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित होने की स्वर्गीय घटना मानो जीवन्त हो उठी हो, सभी देखने वाले भावपूर्ण हो उठे ।
स्वामी चिदानंदसरस्वती व अन्य अतिथि गण
गंगा के स्वर्ग से धरा पर आने के अलावा
सांस्कृतिक पक्ष को नृत्य नाटिका में बताया गया।
भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न हो बह्रमा द्वारा वरदान देना।
पाकर कपिल मुनि का ज्ञान ,सगर पुत्रों ने किया बलिदान.........सबने किया तुम्हारा आवह्रान गंगा
जाओ धरा पर करने जनकल्याण.......
मै स्वर्ग की वासिनी वेगमयी, चंचल कैसे धरा मेरे वेग को संभाले.........!
बहृमा आज्ञा से भगीरथ ने फिर गंगा के वेग को संभालने मे समर्थ हाने के कारण शिव की घनघोर तपस्या की ।शिव ने भगीरथ की तपस्या से प्रस्न्न हो गंगा के वेग को धरती पर सीधे न डाल अपनी जटाओ में संभाला । गंगा अवतरण की इस आलौकिक घटना के बारे में आप इसी ब्लाग पर पढे "गंगा अवतरण़ एक आलौकिक कथा "
शानदार प्रस्तुति
गंगा का पृथ्वी पर अवतरण ......
अमृत दिया है मरघट -मरघट.....
बस्ती-बस्ती स्वर्ग दिया ,पुत्र सगर के तारे सब जग है
ज्ञाता ...........
वह प्राणी अमर है जिसने भी तेरे जल का पान किया ...................
मां गंगा तेरी लहरों ने इस जग को क्या न दिया ......
...........................!
Sunita Sharma
freelancer journalist
all picture sources TV EYES NEWS NETWORK