शाही स्नान की तैयारियां,वार्तालाप
देवता की पालकी
स्नान को जाते सन्यासी,पूरे शानौ-शौकत से
अवधुतों का वैभव
नतमस्तक हो गयी कुम्भ नगरी हरिद्वार, इन अवधूतों को देख कर ।
नागाओ के साथ- साथ साधु -सन्तों की विलक्षणता के हुए दर्शन
हर-हर महादेव के जयकारो के साथ कुम्भ महापर्व का पहला शाही स्नान शुरू हुआ। जुना अखाडें के देवता की पालकी बहृमकुण्ड में प्रवेश करती है, भस्मीभूत कायावाले लम्बी जटाधारी नागासन्यासी कूद पडते मां गंगा में स्नान करने के लिए.............. अद्वभुत दृश्य............. खत्म होता है 12वर्षो के उपरान्त का इन्तजार 12फरवरी महाशिवरात्रि 2010 को जब सुबह 10:40 के बाद शुरू हुआ अखाडों स्नान शाम साढे छ बजे बाद ही खत्म हुआ ।जिन अखाडों ने स्नान किया जुना,आवहान व अगिन अखाडा निरजनी एंव आनंद अखाडा ,महानिर्वाणी तथा अटल अखाडा।
(all pictures sources TVENW
news agency)
यह ब्लाग समर्पित है मां गंगा को , इस देवतुल्य नदी को, जो न सिर्फ मेरी मां है बल्कि एक आस्था है, एक जीवन है, नदियां जीवित है तो हमारी संस्कृति भी जीवित है.
Saturday, February 13, 2010
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