

महाकुम्भ मेले के दौरान धर्म संस्कृति लोगो की आस्था के दर्शन तो होते ही है पर कुम्भ नगर, पहली बार आस्था के साथ समानता भाईचारे व सौहार्द का प्रतीक भी बन गया है। साधु-सन्तो ने दलित मजदुरों के साथ गंगा स्नान कर दिखा दिया कि उनके मन में समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समान भावनायें है।

समान रूप से स्नान करते साधु -संत व दलित मजदूर
मां गंगा के लिए सब समान है उसकी गोद में सबकों सकून है........... हर-हर गंगे