यह ब्लाग समर्पित है मां गंगा को , इस देवतुल्य नदी को, जो न सिर्फ मेरी मां है बल्कि एक आस्था है, एक जीवन है, नदियां जीवित है तो हमारी संस्कृति भी जीवित है.
Thursday, September 3, 2009
मै रहती हूं ऋषिकेश में.....
मै रहती हू ऋषिकेश में एक खुबसुरत तीर्थ नगरी में आज यह आधुनिक सुविधाओ से युक्त् पर्यटन का केन्द्र बन गया है। देश से ही नही विदेशों से भी यात्री बहुत बडी सख्या में यहां आते है। वजह योग ,गंगा स्नान,अध्यातम ,शान्ति के लिए । सचमुच यहां शान्ति है पता नही यह तो वही जानते होंगे जो बाहर यहां आते है।लेकिन यह जरूर है अगर मै कही बाहर चली जाउ तो मन करता जल्द से वापस आ जाउ। यह देवभूमि है यहां के दर्शन मात्र सें पुण्य मिलता है।शीघ्र ही मै आपको इस जगह की तमाम खुबियों के बार में बताउगी ।मेरे लेख्नों का पहला असांइनमेंट मुझे मिला 1997 हिन्दी दैनिक पत्र दैनिक जागरण कें लिए लिख्नना था यंहा के मंदिरो के बारे जो पौराणिक है प्राचीन है।कुछ पौराणिक है ऐतिहासिक है गंगा का किनारा,बैराज का पुल,त्रिवेणी घाट, लछमन झुला और बहुत कुछ कितना याद आता उनको जों यहा से चले जाते है वो कैसे भुला पाते होगे ।
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1 comment:
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है. ऋषिकेश की पावन भूमि के बारे में पढ़कर अच्छा लगेगा. इंतज़ार रहेगा.
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