Jagadguru Ramanandacharya's sevenhundred eleven's Jayanti Mahotsava
pictures by Anoop Khatri
यह ब्लाग समर्पित है मां गंगा को , इस देवतुल्य नदी को, जो न सिर्फ मेरी मां है बल्कि एक आस्था है, एक जीवन है, नदियां जीवित है तो हमारी संस्कृति भी जीवित है.
पिछली पोस्ट में मैने ऋषिकेश के वीरभ्रद्र क्षेत्र का इतिहास बताया था पर इस पोस्ट में यह बता दू कि क्यो इस क्षेत्र को वीरभद्र के नाम से जाना ...
4 comments:
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ओह, कौन थे रामानन्दाचार्य?!
रामानन्दाचार्य थे, क्रान्तिकारी सन्त.
निम्न जातियों से किये, खङे अनेकों सन्त.
हुये अनेकों सन्त, काम जिनके प्रसिद्ध हैं.
कबीर,सैना,रविदास, धन्ना प्रसिद्ध हैं.
कह साधक यह काल चाहता ऐसे ही आचार्य.
क्रान्तिकारी सन्त थे, रामानन्दाचार्य.
बहुत बहुत धन्यवाद साधक जी, मै इंटरनेट की तकनीकी समस्या के कारण चित्रों के साथ जानकारी नही दे पायी आपने ज्ञानदत्त जी के प्रश्न का जवाब बखुबी दिया आपका आभार । हरिद्वार कुम्भ से जुडी गतिविधियों के लिए गंगा के करीब ब्लाग देखते रहे आगे भी जारी रहेगा.......।
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