यह ब्लाग समर्पित है मां गंगा को , इस देवतुल्य नदी को, जो न सिर्फ मेरी मां है बल्कि एक आस्था है, एक जीवन है, नदियां जीवित है तो हमारी संस्कृति भी जीवित है.
Tuesday, February 23, 2010
तो गंगा की सुध आ ही गयी......... राष्ट्रपति का आश्वासन 2010 तक गंगा प्रदुषण मुक्त
आज मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि देश की राष्ट्रपति ने 2020 तक गंगा नदी को प्रदुषण मुक्त कराने का वादा किया है किसी भी गन्दे नाले या औघौगकि कचरे को शोधन के बिना उसमें नही गिरने की व्यवस्था की जायेगी राष्टीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के मिशन निर्मल गंगा के तहत यह सुनिशचत किया जायेगा कि 2020 तक किसी शहरी नाले व कचरे को बिना शोधन के मां गंगा में न प्रवाहित किया जाये। काश यह सब प्रावधान शुरू से किये होते तो आज हम इन जीवनदायिनी नदियों की दुर्दशा के लिए आवाज न उठाते न दसकी दशा पर आंसु बहाते ।जो नदी हमारी प्राण है उस पर सभी को एकमत व गम्भीर होना है केवल राजनीति से प्रेरित न होकर सार्थक प्रयास हो तभी हम अपनी पृथ्वी ,नदियों ग्लेशियरों व प्रकृति को बचा पायेगे हमे नाज होना चाहिए कि हम बहृमांड के सबसे खुबसुरत ग्रह के निवासी है।मैने अपनी मां गंगा को बचाने की अपील की है समर्थ लोगो से काश मेरा यह सपना पुरा हो जाये, फिर इस नदी की लहरे मुझे रात को आराम से सोने दे.............................।
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