यह ब्लाग समर्पित है मां गंगा को , इस देवतुल्य नदी को, जो न सिर्फ मेरी मां है बल्कि एक आस्था है, एक जीवन है, नदियां जीवित है तो हमारी संस्कृति भी जीवित है.
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यहां वीरभद्र प्रकट हुआ था ----- वीरभद्रेश्वर मंदिर (ऋषिकेश)
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आदिकाल से बहती आ रही हमारी पाप विमोचिनी गंगा अपने उद्गम गंगोत्री से भागीरथी रूप में आरंभ होती है। यह महाशक्तिशाली नदी देवप्रयाग में अलकनंदा ...
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बड़ सुख सार पाओल तुअ तीरे ! हम भी कुंभ नहा आए ! हरिद्वार के हर की पौड़ी में डुबकी लगाना जीवन का सबसे अहम अनुभव था। आप इसे...
4 comments:
आँखे ठहर गयी..उम्दा पोस्ट .
मैं तो जब भी देहरादून जाता हूं इस नैसर्गिक सौन्दर्य का आनन्द लेने जरूर हरिद्वार ऋषिकेष जाता हूं।
The person unable to visit at Rishikesh but this site give the touch of Ganga and Rishikesh.
The person unable to visit at Rishikesh but this site give the touch of Ganga and Rishikesh. XXXXXX Ashok Kumar, Bangalore
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