यह ब्लाग समर्पित है मां गंगा को , इस देवतुल्य नदी को, जो न सिर्फ मेरी मां है बल्कि एक आस्था है, एक जीवन है, नदियां जीवित है तो हमारी संस्कृति भी जीवित है.
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यहां वीरभद्र प्रकट हुआ था ----- वीरभद्रेश्वर मंदिर (ऋषिकेश)
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2 comments:
गंगा देव नदी है यानी देवताओं की नदी। पवित्रता, शीतलता, आरोग्यता में सर्वश्रेष्ठ और सर्वोत्तम । गंगा नदी जीवन से जुड़ी है इसीलिए वह माँ कही जाती हैं । मानव जीवन से जुड़े सभी पर्व- त्यौहार और समस्त क्रियाकलाप गंगा मां की उपस्थिति में संपन्न होते हैं और हमारा जीवन सुखी और सार्थक बनता है। और तो और जीवन के अवसान काल में इस नश्वर शरीर का इसी पवित्र गंगा नदी की पावन धारा में समागम हो जाता है और यह मानव शरीर मन,वचन और कर्म के साथ अनंत लोक में प्रस्थान कर जाता है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम इस पवित्र नदी की महत्ता को बनाए रखें। इसे प्रदूषण मुक्त रखकर हम भारत की पवित्र धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिक की पावन परंपरा को बचाए रखें।
MAN IS SUFFERING CONSEQUENCES BY DESTROYING NATURE.
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