Tuesday, February 2, 2021

नदी ही नहीं गंगा माँ हूँ मैं....कर रही पालन-पोषण इस संसार का!

2 comments:

pandit vinay kumar said...

गंगा देव नदी है यानी देवताओं की नदी। पवित्रता, शीतलता, आरोग्यता में सर्वश्रेष्ठ और सर्वोत्तम । गंगा नदी जीवन से जुड़ी है इसीलिए वह माँ कही जाती हैं । मानव जीवन से जुड़े सभी पर्व- त्यौहार और समस्त क्रियाकलाप गंगा मां की उपस्थिति में संपन्न होते हैं और हमारा जीवन सुखी और सार्थक बनता है। और तो और जीवन के अवसान काल में इस नश्वर शरीर का इसी पवित्र गंगा नदी की पावन धारा में समागम हो जाता है और यह मानव शरीर मन,वचन और कर्म के साथ अनंत लोक में प्रस्थान कर जाता है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम इस पवित्र नदी की महत्ता को बनाए रखें। इसे प्रदूषण मुक्त रखकर हम भारत की पवित्र धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिक की पावन परंपरा को बचाए रखें।

SUNITA SHARMA said...

MAN IS SUFFERING CONSEQUENCES BY DESTROYING NATURE.

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