Thursday, January 28, 2010

हरिद्वार कुम्भ नगरी..........कुम्भ महापर्व का शुभारम्भ,अखाडों द्वारा धर्मध्वजा की स्थापना ।




हाकुंभ पर्व का आगाज हो चुका है आखाडों ,द्वारा धर्मध्वजा की स्थापना कर दी गयी है,सबसे पहले नागासंन्यासियों की जुना आखाडें में अग्नि अखाड़े में  धर्मध्वजा की स्थापना हई 26 जनवरी को, उसके बाद 27 जनवरी को महानिर्वाणी अखाडा व अटल अखाडा की एवं 28 जनवरी को  निरजंनी व आनन्द अखाडे  की धर्मध्वजा की विधिवत स्थापना की गयी।धर्मध्वजा को एकता का प्रतीक माना जाता है ,अखाडे एवं आम संन्यासी मिलकर इन धर्मध्वजा की स्थापना करते है । माना जाता है कि 10वी शताब्दी में धर्मध्वजा व राजध्वजा को अलग-अलग कर राजशक्ति व धर्मशक्ति को पृथक कर दिया गया जिसके अनुसार पृथ्वीराज चौहान ने राजध्वज को अपने पास रखा और धर्मध्वजा को आखाडों को सौप दिया तभी से अखाडें धर्म की रक्षा करते है। धर्मध्वजा में दंड का बहुत ही महत्व होता है यदि यह दंड 52 हाथ लंबा है तो 51 हाथ 51शक्ति पीठों के प्रतीक व एक  हाथ अखाडे को मिला कर 52 हाथ लम्बी ध्वजा बनती है। अखाडों की गतिविधियाँ  व कुम्भ मेले का सांस्कृतिक पक्ष  इन्ही धर्मध्वजाओ के नीचे से संचालित होता है।  महाकुम्भ  हरिद्वार से सम्बन्धित वीडीयों, धर्मध्वजा की स्थापना आप youtube कुम्भ नगरी हरिद्वार पर भी देख सकते है........................  देखते रहिए  Ganga ke Kareeb .................................



























1 comment:

मनोज कुमार said...

बहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद।

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