लगता है गंगा के प्रति जो चेतना आयी है यह भी उसका एक हिस्सा हो सबसे खास बात तो यह भी है कि कुछ कांवडियों ने तो गंगा व गंगा जल की सुरक्षा को लेकर चिन्ता भी जतायी है कि जब गंगा ही नही होगी तो गंगा जल कहां से मिलेगा इससे यह भी पता चलता है अन्य स्थानो पर भी हमारी सांस्कृतिक धरोहर मां गंगा के प्रति लोगो मे आस्था है जिस वह उनके जीवन का प्राणवान हिस्सा है उसकी दुर्दशा पर सभी का ध्यान गया गया है।
अहम बात यह भी है जिस तरह गंगा के इन तीर्थो में धार्मिक आयोजनो पर्वो स्नानों के के लिए जो जन सैलाब करोड़ों की संख्या में उमड पडता है जिसमें लोगो की जाने भी चली जाती है दुर्घटनाये भी होती है उनके लिए यहां की सरकार कितनी चिन्तत है उनकी सुरक्षा उनकी तकलीफों के क्या कुछ इन्तजाम किये जाते है या सिर्फ उन्हे नियंत्रित करने में ही प्रशासन की उर्जा खर्च करता है ।
जिस तरह लोगो की भीड उमडती है फिर उसके बाद जो गंन्दगी व अव्यवस्था फैल जाती उससे स्थानीय जन में आक्रोश की स्थिति पैदा होती है यदि इसी तरह धार्मिक आस्था में बढोतरी होगी तो आने वाले समय के लिए उत्तराखण्ड सरकार क्या इनसे आसानी से निबट पायेगी ।गंगा के किनारें इन इन धार्मिक तीर्थ नगरियों में क्या पर्याप्त व्यवस्था होती है की वह इतने लोगो को असानी से जगह दे सके शायद नही तो अभी से सरकार को सचेत हो जाना चाहिए वह इस गंभीर मुद्दे पर अपनी कमर कस लेनी चाहिए तभी वह अपने प्रदेश को खुशहाली व विकास की ओर ले जा सकती है क्यो की शायद अब धार्मिक पर्यटन तथा आस्था की नयी शुरूवात हो चुकी है जिसमे आने वाले जन सैलाब में बढोतरी हो कर रहेगी...........
5 comments:
सुनीता जी,
आप के इस ब्लॉग पर जब भी आया अच्छा ही पढ़ने और जानने को मिला, आप के ऋषिकेश वाले फोटो को मैने कॉपी करके अपना स्क्रीन सेवर भी बनाया था , आप का इसके लिए आभार ।
सही विषय को छुआ आपने ,सरकारें इस तरह के जन सैलाब वाले पर्यटन को सभांल पाने खास कर कांवडियों को , पूरी तरह समर्थ नहीं नजर आती हैं । इसी लिए हर साल कुछ न कुछ हंगामा या दुर्घटना जरूर होती है ।
आप इस ब्लाग पर आये धन्यवाद,यह देवभुमि है ही ऎसी, यहां जो आपार शान्ति मिलती वह कही भी नही पर यह भी इतने लोगो के आने के बाद यहां गन्दगी फैलती है व माहौल पर काफी असर पडता है यहां के लोगो को काफी असुविधाये भी होती है इसका मतलब यह तो नही कि बाहर से आने वाले लोग यहां प्रति कोई भी कटुता मन में रखे इसके लिए शासन व प्रशासन के साथ स्थानीय लोगो की भी जिम्मेदारी बढ जाती है साथ ही उनका जागरूक होना भी जरूरी है आस्था के नाम पर कोई गलत इरादा न रखे......
bahut hi acha laga aapka post pad kar.. shukriya.
Meri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....
A Silent Silence : Zindgi Se Mat Jhagad..
Banned Area News : 37 Congress, 22 BJP nominees elected unopposed in civic polls
पहली बार इस ब्लॉग पर आया हूँ , गंगा के लिए समर्पित शायद यह एक मात्र ब्लॉग है . आपका भागीरथ प्रयास काबिले तारीफ़ है . मै भी गंगा किनारे वाला वाला ही हूँ , पर रोजगार की खातिर यमुना के किनारे आ गया हूँ .
मृत्युंजय कुमार राय
माधव राय
बहुत सुन्दर आलेख गंगा जी हमारी जीवन धारा है हमारी आस्था कि केंद्रबिंदु है भारत कि धरोहर,व पवित्रता की प्रतिक है इस सुन्दर लेख हेतु बहुत -बहुत धन्यवाद.
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