Tuesday, September 21, 2010

क्रोधित है मां.........................!

उफान में गंगा
गंगा के किनारे बस्तियां हई जलमग्न 

गंगा के प्रवाह में बह गयी शिव की मुर्ति 

गंगा के करीब रहने वाले सकते में है आश्चर्य में है उनकी मां गंगा क्यों कितने उफान पर है आज अपने साथ सब कुछ समेट लेना चाहती है गंगा उफन पडी लोगो की जिन्दगी रूक गयी पिछले शनिवार रात तेज बारिश के बाद से ही गंगा के उफान ने बाढ का रूप ले लिया रात को ही लोगो को अपना घर छोड सुरक्षित जगहो पर शरण ली जिनके रिश्तेदार थे वह वहो गये जिनके नही उनके लिए धर्मशालाये खुल दी गयी रविवार तक डर की स्थति बनी रही क्योंके गंगा अपने पूरे विकराल रूप में थी मुनि की रेती ,लक्ष्मणझूला ,स्वर्गआश्रम व शयामपुर के कई  इलाको में गंगा के पानी ने भारी तबाही मचायी वह उफनती हई सबकुछ अपने वेग में समाना चाहती थी गंगा के यह रौद्र रूप देख सभी सकते में है ।  तीन चार दिन से ऋषिकेश के लोगो की सासें मानो अटक सी गयी गंगा का पानी उसके निकटवर्ती  रहने वालो पर मानो  कहर बन कर टूटा है उत्तराखण्ड में हो रही लगातार बारिश ने यहां के लोगो को दहशत से भर दिया उस पर बराबर यह डर भी बना रहा के यह जलप्रलय अब कौन सा रूप ले लेगी सभी डरे सहमे से रहे  उस पर टिहरी बांध से पानी छोडने की खबरों ने तीर्थ नगरी के लोगो को पूरी तरह आने वाले समय के इन्तजार व खौफ  की गिरफत में रखा  जलस्तर में भारी वृद्वि की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया हालाकि टिहरी बांध छोडे जाने वाले पानी से यहां कई असर नही पडा  पर अभी भी गंगा  नदी अपने खतरे के निशान से उपर है । तीर्थ नगरी को कल से बारिश से राहत मिली आज सूर्य देव ने दर्शन दिये वरना तो बीते दिन इस तरह बीते जिसको बयान नही कर सकते राज्य में स्कूलो की छुटटी कर दी गयी । गंगा के सभी घाट पूरी तरह डूब चुके थे किनारे बसी बस्तिया पानी में डूब गयी थी ।
सोमवार को जब बारिश बन्द हई लोगो ने अपने घरो का रूख किया पर ,यह क्या ? जिन्दगी भर जो जमा किया वह तो पल भर में तबाह हो गया 
जिन घाटो पर आरती व आध्यात्म की धारा बहती थी उन घाटों पर मां गंगा का जल पूरे में अपना साम्राज्य बनाये हुए था मानो यह कहता हुआ हे पापियों अब तुम मेरे करीब रहने के मेरे जल को छुने के योगय नही रहे अब चेतो अपने कर्मो में सुधार करो नही तो मेरे जल से तुम सभी जलमग्न हो जाओगे  गंगा के किनारे रहने वाले लोगो को अपनी मां के अत्यंत क्रोध का सामना करना पडा हो भी क्यो न गंगा के करीब जो तीर्थ नगरी में घटता है उसे तो मां रूष्ट होगी ही न उस जो लोग यह समझते है कितन भी पाप कर लो गंगा में स्नान करके सब धुल जायेगे वह नही जानते गंगा की शक्ति असीम है वह पापनाशिनी तो है ही जीवनदायिनी भी है पर जब वह उफन पडती है सिर्फ जीवन से ही मुक्त कर देती है......................!








आज जब सूर्यदेव आये व गंगा का उफान कुछ कम हुआ तो  ने तीर्थ नगरी के लोगो के चेहरे पर.......................................................................      
                                                                                            मुस्कान ला दी अब जिन्दगी शायद अपने राह पर चल पडेगी............... । 










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