इस मानसुन सावन पूरा बरसने के बाद भी मेघ पूरी भादों बरस रहे है तीर्थ नगरी में लगातार हो रही वर्षा से गंगा नदी में जलस्तर खतरे को पार कर गया गंगा के किनारे के इलाको में पानी भर गया है चद्रेशवर नगर ,चन्द्रभागा ,त्रिवेणी घाट ,शीशमझाडी,स्वर्गाश्रम ,रामझूला गंगा से सटे क्षेत्रों मे पानी भर चुका था वुधवार तक ।आज बारिश सुबह तक होती रही जिसमें अब कुछ राहत मिली है लेकिन बारिश जारी रही तो लोगो को बाढ की आशंका को देखते हुए चौकन्ना रहने की आवश्यकता है।
कल शाम जब बारिश रूकी तो लोगो ने हमेशा की तरह गंगा दर्शन का रूख किया पर यह क्या त्रिवेणी घाट तो गंगा के पानी में डूब चुका था पानी उपर तक आ चुका था गंगा का जल भी शायद पूरी जगह आना चाहता है गंगा अपनी उपस्थिति का अहसास करवा रही थी जो लोग यह मान कर बैठे है यह सिर्फ पाप धोने के लिए है तो उन्हे यह भी समझना होगा गंगा केवल लोगो के पाप ही नही धोती वरन् उन्हे अपने साथ बहा भी ले जाती है आज गंगा अपने पूरे उफान पर है शायद अभी वह लोगो को अपनी ताकत का अहसास करवाना चाहती जो उसे अभी समझ नही
सके ................।
गंगा तू कल्याणमयी तू शक्तिशाली है
वैभव तुम्हारा अतुलनीय है
नही है शब्द पास मेरे
कैसे मै तेरा बखान करूँ
जानती हूं मै मूढ हूं
पर तूझसे बहुत प्रेम करती हूं
मै अपने भाग्य पर क्यू न इठलाउ
क्या तुम्हे सब देख पाते है
जन्म लेते है, पर जब विदा होते है
सिर्फ तेरे जल की बुद से तारण पाते है
तू विश्व पालनी है तूझ पर मै नित नतमस्तक हूं
जीवन शेष तूझ दर्शन पाउ
यह एक आस न टूटने देना
मां के चरणों स्वर्ग मिला
अब क्या मै तुमसे पाउ
बाल मन कौतुक लिए
जब भी तूझा देखा करता
ममता की प्यास को तूने ही बुझाया
छुने को व्याकुल है तेरे जल की बूदे
मां गंगा हम अपनी दृष्टि रखना
तेरे करीब जो धरा है
उसमे जीवन का अर्थ भरा
इस जीवन को सफल करना
अपनी दया हम पर सदा रखना..................।
यह ब्लाग समर्पित है मां गंगा को , इस देवतुल्य नदी को, जो न सिर्फ मेरी मां है बल्कि एक आस्था है, एक जीवन है, नदियां जीवित है तो हमारी संस्कृति भी जीवित है.
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nice
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