







यह ब्लाग समर्पित है मां गंगा को , इस देवतुल्य नदी को, जो न सिर्फ मेरी मां है बल्कि एक आस्था है, एक जीवन है, नदियां जीवित है तो हमारी संस्कृति भी जीवित है.
पिछली पोस्ट में मैने ऋषिकेश के वीरभ्रद्र क्षेत्र का इतिहास बताया था पर इस पोस्ट में यह बता दू कि क्यो इस क्षेत्र को वीरभद्र के नाम से जाना ...
2 comments:
कंमेट के लिए शक्रिया संजय जी
सच तो यह हे कि गंगा नदी के प्रति लोगो की श्रद्वा व विश्वास सिर्फ देश में ही नही विदेशों में भी है यह सब जान कर भी हम इस नदी को मरणासन्न कैसे मान ले यदि कही यह स्थिति है तो वहां के लोगो को जागरूक हो इसके प्रति ईमानदार होना पडेगा सिर्फ स्नान करके पुण्य बटोरने का ही मकसद नही होना चाहिए।
लोगो को जागरूक हो इसके प्रति ईमानदार होना पडेगा सिर्फ स्नान करके पुण्य बटोरने का ही मकसद नही होना चाहिए।
आपसे सहमत हूं।
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
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